यह विधि का ही विधान था जिसे एक संयोग ही कहा जाएगा।" यह विधि का ही विधान था जिसे एक संयोग ही कहा जाएगा।"
तभी मंदिर की सीढ़ियों पर से किसी बच्चे की रोने की आवाज़ आई तभी मंदिर की सीढ़ियों पर से किसी बच्चे की रोने की आवाज़ आई
जात पात धर्म की दीवारें बेमानी हैं जात पात धर्म की दीवारें बेमानी हैं
सब पॄथ्वीवासी भाई बहन है सब पॄथ्वीवासी भाई बहन है
सब के मन-मंदिर में एक ही भाव संचारित हो रहे थे। सब के मन-मंदिर में एक ही भाव संचारित हो रहे थे।
देश में भी 'वसुधैव कुटुंबकम्' के महत्व को सार्थक करते हुए सभी लोग चाहे किसी भी धर्म या जाति के हों क... देश में भी 'वसुधैव कुटुंबकम्' के महत्व को सार्थक करते हुए सभी लोग चाहे किसी भी ध...